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नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ ६ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

Stotram is the song. The Song of Perfection which is no longer concealed as a consequence of advancement. That may be, our spiritual advancement and idea of the Chandi exposes the concealed meanings on the bija mantras while in the Track.

पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।

रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.

मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति ॥ १४ ॥

यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं more info पठेत्।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

मां दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।

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